Problem of osteoporosis increase after menopause
Synopsis: ऑस्टियोपोरोसिस क्या है? ऑस्टियोपोरोसिस के कारण क्या है? मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या क्यों बढ़ जाती है ?
यह तो हम सभी जानते है कि महिलाओं में पीरियड्स का आना एक कॉमन प्रॉब्लम है जो हर महीने आते है। पर इस माहवारी के दौरान वह बहुत से मूड स्विंग्स को लेकर गुजरती है जिसमे कभी पेट दर्द , कभी कमर दर्द , स्तनों में दर्द महसूस होना , सूजन सा लगना ,पेट फूलना आदि शामिल है।
आमतौर पर यह समस्या महिलाओं में 17 साल की उम्र से लेकर 50 साल तक के हो जाने के दौरान बनी रहती है। पर आज के समय में 50 तक लेडीज पहोचती भी नहीं 38 या 45 की उम्र में आते ही मेनोपॉज (menopause) बंद हो जाता है। जब महिला 45 से 50 की उम्र तक आती है इस बीच बहुत से हार्मोनल बदलाव उनके भीतर होते है जो इमोशनल और फिजिकल तौर पर होते रहते है।
मेनोपॉज के बाद “ऑस्टियोपोरोसिस” की समस्या
(Problem of Osteoporosis)
पीरियड्स बंद हो जाने के दौरान एस्ट्रोजन हर्मोंन बनना बंद हो जाता है। जिसकी वजह से बैचेनी, चिड़चिड़ापन, हड्डियों का कमजोर होना और फेस पर गालो के आस-पास ज़्यादा बाल का आ जाना इमोशनली तौर पर खुद को काफी कमजोर महसूस करने लगता हैं। अपनी सेहत को लेकर अगर महिलाएं मेनोपॉज से पहले या उस दौरान सतर्क हो जाती है तो इस परेशानी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हड्डियों के कमजोर होने की इस स्थिति को ही “ओस्टियोपोरसिस” कहते हैं।
एस्ट्रोजन हर्मोंन क्या होता है ?
(What is estrogen hormone)
एस्ट्रोजन हर्मोंन एक ऐसा महत्वूर्ण हार्मोन होता है जो महिलाओं में उत्पन्न होता है जिसकी वजह से शरीरिक एवं प्रजनन प्रक्रियाएं संभव हो पाती है। यह एस्ट्रोजन हार्मोन मुख्यतः अंडाशय में उत्पन्न होता है। हालांकि छोटी मात्रा में यह अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal glands) और वसा कोशिकाओं (fat cells) द्वारा भी उत्पादित होता है। इस इम्पोर्टेन्ट हार्मोन की वजह से महिलाये एक्टिव रहकर सारे फिजिकल एवं मेन्टल काम आसानी से कर पाती है।
ऑस्टियोपोरोसिस क्या है ?
(What is osteoporosis)
जैसा की हमने आपको बताया हड्डियों का कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है , जिससे वे कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप हड्डियों में फ्रेक्चर होने की समस्या बढ़ जाती है और आसानी से टूट भी सकती हैं, विशेष रूप से कूल्हे, कलाई और रीढ़ की हड्डियाँ। यह समस्या अक्सर मेनोपॉज के बाद महिलाओं में अधिक देखी जाती है।
ऑस्टियोपोरोसिस के कारण
(Osteoporosis hone ke karn in Hindi)
1.
एस्ट्रोजन के स्तर का कम होन
मेनोपॉज के दौरान और बाद में, एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर काफी घट जाता है। जिसकी वजह से बॉडी से एस्ट्रोजन कम होने लगता है जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियों के घनत्व में कमी आने लगती है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं।
2.
शरीर में पोषक तत्वों की कमी
हड्डियों में विटामिन्स डी ,बी 12 , प्रोटीन और कैल्शियम की कमी भी हड्डियों को कमजोर कर सकती है। ये दोनों पोषक तत्व हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक होते हैं।
3.
फिसिकल एक्टिविटी की कमी
हजैसे-जैसे उम्र बढ़ती है शरीर का वजन भी बढ़ने लगता है अगर नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधि में कमी की तो हड्डियों पर पर्याप्त दबाव नहीं पड़ता, जिससे उनकी मजबूती घट जाती है।
4.
जीवनशैली को प्रभावित करने वाले कारक
ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ाने में धूम्रपान, अधिक शराब का सेवन, और संतुलित आहार की कमी आदि शामिल है।
5.
पारिवारिक इतिहास
अगर परिवार में किसी को पहले से ऑस्टियोपोरोसिस की समयसा है, तो इसका खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के होने के ये सभी प्रमुख कारक हैं। अगर आपको ज्यादा तकलीफ हो रही हो तो आप डॉक्टर्स से भी परामर्श ले सकते है।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के उपाय
(Ways to prevent osteoporosis in Hindi)
1.
संतुलित आहार का सेवन करें
ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार का सेवन करें। दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, और मछली इसमें मददगार साबित हो सकते हैं।
2.
नियमित व्यायाम जरूर करें
अच्छा होगा अगर आप वजन उठाने वाले व्यायाम और वॉकिंग करें जिससे हड्डियां मजबूत बनेंगी और शरीर बैलंस्ड रहेगा।
3.
धूम्रपान और शराब से बचाव है जरुरी
धूम्रपान और अधिक शराब के सेवन से खुद को बचाएं बचें, क्योंकि ये हड्डियों को कमजोर कर सकते हैं। और इनका अधिक सेवन पथरी और किडनी पर असर डाल सकता है।
4.
चिकित्सीय सलाह जरूर लें
हो सके तो हर महीने नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं और उनकी सलाह के अनुसार चलें।
5.
सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर्स के कहने पर लें
अगर आपको आहार से पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी नहीं मिल रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स जरूर लें।
मेनोपॉज के बाद, महिलाओं को अपनी हड्डियों की सेहत का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए और उपरोक्त उपायों का पालन करना चाहिए जिससे ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम किया जा सकता है।