शुरूआती महिनो में गर्भपात के लक्षण, कारण और उपचार

Harshita

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Synopsis : जानें गर्भपात के कारण, गर्भपात के संकेत और लक्षण, गर्भपात के निदान, गर्भपात के प्रकार, गर्भपात को रोकने के प्राकृतिक तरीके

गर्भपात ( मिसकैरेज ) क्या है? क्यों होता है? जानिए इसके कारण, लक्षण, बचाव और भी बहुत कुछ विस्तार से

माँ, एक ऐसा शब्द है जिसमें समय के साथ कई भावनात्मक और रचनात्मक रहस्य छुपे होते हैं। माँ बनना, किसी भी महिला के जीवन का सबसे सुखद और भावनात्मक क्षण होता है। जब कोई महिला पहली बार यह जानती है कि वह माँ बनने वाली है, तो उसकी आत्मा में नए सपने और उत्साह का समंदर उतर आता है।

लेकिन अचानक, जब उसे यह पता चलता है कि जिस छोटे से जीवन के लिए वह सभी सपने बुन रही है, वह अब इस दुनिया में आने के पहले ही उससे दूर हो गया है, याने की उसका गर्भपात (मिसकैरेज) हो गया है, तो उस माँ के लिए यह दर्द और पीड़ा को सहना और भी अधिक कठिन हो जाता है।

अगर आप माँ बनने के लिए तैयारी में हैं, तो इस लेख में हम आपको गर्भपात (मिसकैरेज) से संबंधित सभी पहलुओं को विस्तार से बताएंगे।

Miscarriage

विषय सूची (Table of content)

  1. गर्भपात ( मिसकैरेज ) का अर्थ क्या है?( What is the meaning of miscarriage?)
  2. मि गर्भपात ( मिसकैरेज ) क्यों होता हैं?(Why does miscarriage happen?)
  3. गर्भपात ( मिसकैरेज ) के कारण – Causes of miscarriage in Hindi
  4. गर्भपात से बचने के लिए सावधानियां (Precautions From Miscarriage)
  5. गर्भपात ( मिसकैरेज ) के लक्षण– symptoms of a miscarriage in Hindi
  6. गर्भपात से बचने के लिए क्या करना चाहिए?(What should be done to avoid miscarriage?)
  7. गर्भपात के बाद सही होने में कितना समय लगता है?( Recovering from a miscarriage in Hindi)
  8. गर्भपात या मिसकैरेज के बाद पीरियड पीरियड क्यों आता हैं?
  9. मिसकैरेज के बाद दोबारा प्रेगनेंट होने के लिए क्या करें ?(what to do for Getting pregnant again in Hindi)

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- FAQs

गर्भपात (मिसकैरेज) का अर्थ क्या है? (What is the meaning of miscarriage?)

गर्भावस्था का अर्थ होता है गर्भ में पल रहे भ्रूण (बच्चे) का स्वत: नष्ट हो जाना, सामान्य भाषा में समझे तो गर्भावस्था के 20 वे सप्ताह से पहले ही गर्भ का गिर जाना एबॉर्शन/मिस्कैरेज/गर्भपात कहलाता हैं। इसलिए आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तीन महीने (First Trimester ) बड़े ही संभलकर चलने को होते हैं क्यों की मिस्कैरेज शुरूआत के पहले तीन महीनों के दौरान ही होती है।

गर्भपात (मिसकैरेज) क्यों होता हैं? (Why does miscarriage happen?)

सामान्यत: गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में मिसकैरेज होता है क्यों की यही वो टाइम पीरियड होता है जिसमे भ्रूण परिपक़्व होना शुरू करता है पर कई बार ऐसी स्थिति भी हो जाती है की भ्रूण को जो पोषण मिलना चहिए वह उस तक नहीं पहोच पता और उसका विकास रुक सा जाता है और जांच के दौरान पता चलता है की आपके बच्चे का विकास रुक गया है और अब वह विकसित नहीं हो सकता जितना उसे पहले चरण के दौरान हो जाना चाहिए था, यही अवस्था “मिसकैरेज” (गर्भपात )कहलाती हैं। इसलिए कई बार आवश्यकता होती है तकनीकी जाँच और चिकित्सा सलाह ली जाए।

गर्भपात (मिसकैरेज) के कारण (Causes of miscarriage in Hindi)

मिसकैरेज होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन ,तीन महीने के बाद या 14 से 26 सप्ताह के बीच होने वाले गर्भपात की वजह आमतौर पर गर्भवती माँ के स्वास्थ्य स्थिति (health condition) होती है ।

गर्भपात (मिसकैरेज) का कारण क्या होता है, इसे समझने के लिए ये 5 मुख्य कारण जानें और सावधानी बरतें

मिसकैरेज होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।

जैसे-

  1. गर्भावस्था के शुरुआती चरण में:

    मिसकैरेज सामान्यत: गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में होता है, जब गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू होती है।

  2. अनियमित गर्भधारण या भ्रूण विकसन में असमान्यता

    कई बार गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का सही रूप से विकसन नहीं हो पाता और इसके कारण मिसकैरेज हो सकता है।

  3. रगड़ाई या अनुवांछित गर्भाशय की स्थिति

    मातृगर्भ का सही स्थान पर स्थानांतरित नहीं होने पर या रगड़ाई होने पर मिसकैरेज हो सकता है।

  4. मातृ रोग या आत्मिक तनाव

    महिला के शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य में किसी भी समस्या के कारण मिसकैरेज हो सकता है, जैसे कि बीमारियाँ या आत्मिक तनाव।

  5. इंफेक्शन या बीमारीयों का प्रभाव

    गर्भावस्था के दौरान होने वाली इंफेक्शन्स या बीमारियाँ भी मिसकैरेज का कारण बन सकती हैं।

जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो यह खुशी पूरे परिवार को स्पर्श करती है। खासकर वे माता-पिता जो अपने आने वाले शिशु से पहले ही भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान, महिला जो भी महसूस करती है, उसे अपने पति को बताना अच्छा लगता है। इस प्रकार, वे दोनों मिलकर इस अद्भुत समय का आनंद लेते हैं और बच्चे के आगमन की आशा से प्रतीक्षा करते हैं।

लेकिन यदि इस दौरान कोई अनैतिकता हो जाए और महिला गर्भपात हो जाए, तो यह स्थिति मानसिक रूप से विकराल होती है। इससे केवल महिला ही नहीं, बल्कि उसके पति को भी प्रभावित होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, मिसकैरेज की निश्चित वजहों को तार्किक रूप से बताना मुश्किल है, लेकिन कुछ विशेष चिकित्सा स्थितियाँ महिला को सतर्क रहने के लिए आगाह कर सकती हैं। ये चिकित्सा स्थितियाँ मिसकैरेज के कारण बन सकती हैं।

गर्भपात से बचने के लिए सावधानियां (Precautions From Miscarriage)

अगर आप माँ बनने जा रही है या बेबी प्लान करने का मन बना रही है तो आपको इन सावधानियों को ध्यान में जरूर रखना चाहिए।

गर्भपात से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतना चाहिए।

गर्भावस्था मे थायरॉयड

आजकल थायरॉयड समस्या बहुत ही सामान्य हो गई है, और इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं हैं। आमतौर पर, महिलाएं इस समस्या को सामान्य मान लेती हैं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान थायरॉयड समस्या होने पर आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक हार्मोन संबंधित समस्या है। थायरॉयड के साथ हुई प्रेगनेंसी में आपको डॉक्टर की निगरानी में रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे कई बार गर्भपात की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

गर्भावस्था मे हार्मोनल असंतुन

यदि हिला को पहले से ही कोई हार्मोनल समस्या हो, या उसका शरीर यूट्रस की लाइनिंग को सपोर्ट करने के लिए आवश्यक प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन नहीं बना पा रहा है, तो ऐसी स्थिति में मिसकैरेज के खतरे बढ़ जाते हैं। यदि समय रहते इस समस्या को समझा जाए, तो दवाओं के माध्यम से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

गर्भावस्था मे क्रोमोसोमल असामान्यता

क्रोमोसोमल असामान्यता, जिसे कई बार क्रोमोसोम विकृति भी कहा जाता है, फर्टिलाइजेशन के प्रक्रिया के दौरान, स्पर्म और एग एक पूर्ण मैच बनाने के लिए 23 क्रोमोसोमों को मिलाते हैं। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें थोड़ी सी गड़बड़ी भी क्रोमोसोमल विकृति का कारण बन सकती है और इसके कारण मिसकैरेज हो सकता है।

गर्भावस्था मे फाइब्रायड्स

फाइब्रॉयड और मिसकैरेज दोनों ही महिलाओं के गर्भावस्था से संबंधित हो सकते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग स्थितियाँ हैं।

फाइब्रॉएड एक प्रकार की ग्रंथि होती है जो महिला के गर्भाशय में होती हैं जिसकी असमान्य वृद्धि बड़े-बड़े फाइब्रायड्स में बदल जाती है जो गैर-कैंसरीय होती हैं, डरने की बात नहीं है डॉक्टर्स के पास ऐसे कई इलाज है जिससे इनकी वृद्धि को रोका जा सकता है वैसे तो फाइब्रायड्स हर महिला के गर्भाशय में होते है पर किसी को इसका पता चल पता है और किसी को नहीं आपको बता दे यह बच्चे के जन्म के दौरान गर्भाशय को सहारा देने क लिए ज़रूरी होते हैं पर सीमित आकर वाले फाइब्रायड्स।

यदि फाइब्रॉयड्स बड़े होते हैं या वे गर्भाशय की अंदरूनी सतह पर स्थित होते हैं, तो ये गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं और किसी महिला को मिसकैरेज के खतरे का सामना करना पड़ सकता है।

Fibroid

इस प्रकार, फाइब्रॉयड्स गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं और किसी महिला को मिसकैरेज की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ये दोनों स्थितियां अलग-अलग हैं और हर स्थिति के लिए उपयुक्त उपचार की आवश्यकता होती है

गर्भपात (मिसकैरेज) के लक्षण– (Symptoms of a miscarriage in Hindi)

किसी भी महिला के लिए गर्भवती होना एक सौभाग्य की बात होती हैं अगर उसका गर्भवती टाइम पीरियड अच्छा चल रहा हो और अचानक से उसे ये पता लग जाये की उसका गर्भपात हो चुका है तो उसके ऊपर दुखो: का मनो जैसे पहाड़ टूट पड़ा हो कभी-कभी, कुछ घटनाएं इतनी अचानक और अज्ञात हो जाती हैं कि इंसान खुद को समझ पाने में विफल हो जाता है। ऐसे कुछ मामलों में, जिनमें मिसकैरेज (गर्भपात) होता है, यह सब इतनी जल्दी होता है कि व्यक्ति को अकेले में ही समझ में नहीं आता कि उनका गर्भवती होने का सपना भी था, और फिर एक दिन वह गर्भपात का सामना कर रहे होते हैं।

Symptoms of miscarriage

चलिए, हम मिसकैरेज के प्रमुख लक्षणों के बारे में जानते हैं।

1.

पेट में दर्द (Stomach ache)

के समय, महिला को पेट में दर्द का अहसास हो सकता है, जो कभी-कभी तेज भी हो सकता है।

2.

रक्तस्राव (Bleeding):

गर्भपात के दौरान, रक्तस्राव की संभावना है, जिसके कारण महिला को अत्यधिक ब्लीडिंग हो सकती है।

3.

गर्भस्थ ऊतकों का निकलना (expulsion of fetal tissue):

गर्भपात के साथ, गर्भस्थ ऊतकों का निकलना हो सकता है, जिससे पेट के निचले हिस्से में दर्द और भारीपन का अहसास हो सकता है।

4.

शारीरिक और आत्मिक दुख (Physical and spiritual suffering):

मिसकैरेज के बाद, महिला शारीरिक और आत्मिक दुख में हो सकती है, जिसमें उबाल, उदासी, और आवाज को रोक पाने में कठिनाई शामिल हो सकती है।

5.

वायरल बीमारी के लक्षण (Symptoms of viral disease):

गर्भपात के आसपास, तेज बुखार, ठंड, और शरीर में दर्द की अनुभूति हो सकती है, जो वायरल बीमारी के कारण हो सकती है।

6.

ऐंठन और जी मिचलना:

गर्भपात के लक्षणों में पूरे शरीर में ऐंठन और जी मिचलना भी हो सकता है।

7.

योनि से सफेद गुलाबी रंग का म्यूकस

मिसकैरेज के दौरान, योनि से सफेद गुलाबी रंग का म्यूकस निकलना एक आम लक्षण हो सकता है।

8.

तेजी से वजन का कमी

गर्भपात के बाद, अचानक और तेजी से वजन का कमी हो सकता है, जो गर्भावस्था के लक्षणों से भिन्न हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान इनमें से किसी भी लक्षण का आपको अहसास हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं। यह संभावना है कि गर्भपात के बिना भी ये लक्षण प्रकट हो सकते हैं, लेकिन आपका डॉक्टर परीक्षण करने के बाद ही सुनिश्चित करेगा कि सब कुछ ठीक है या नहीं।

गर्भपात से बचने के लिए क्या करना चाहिए? (What should be done to avoid miscarriage?)

“मिसकैरेज (गर्भपात) को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, मगर यह आवश्यक है कि, आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। सही समय पर पौष्टिक आहार, उच्च गुणवत्ता वाला रहन-सहन, गर्भ की नियमित जाँच, और अन्य स्वस्थ आदतों पर ध्यान दें। इस प्रकार, आप न केवल गर्भपात से बचेंगे, बल्कि आप और आपका अजात शिशु पूरी तरह से स्वस्थ रहेंगे।”

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मिसकैरेज से बचने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

    स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और सुनिश्चित करें कि आप सही तरीके से सो रहे हैं।

  2. डॉक्टर की सलाह लें

    गर्भावस्था की योजना बनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें और सही सलाह प्राप्त करें।

  3. सही समय पर प्रेगनेंसी की शुरुआत करें

    यदि आप गर्भधारण करना चाहते हैं, तो सही समय पर प्रेगनेंसी की कोशिश करें।

  4. नियमित चेकअप कराएं

    गर्भावस्था के दौरान नियमित चेकअप करवाएं और डॉक्टर के सुझावों का पालन करें।

  5. धूम्रपान और शराब का त्याग करें

    धूम्रपान और शराब का सेवन न करें, क्योंकि ये मिसकैरेज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

  6. स्ट्रेस से बचें

    स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, योग, और अन्य तंत्रमंत्र अभ्यास करें।

  7. सही आत्म-देखभाल

    अच्छी आत्म-देखभाल और पॉजिटिव मानसिकता बनाए रखने के लिए कोशिश करें।

  8. अधिक जानकारी प्राप्त करें

    मिसकैरेज के कारणों और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

मिसकैरेज (गर्भपात) हमारे हाथ में नहीं है। स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के बाद भी, कुछ स्थितियों में महिलाएं अपने आपको दोषी मान लेती हैं। लेकिन यह बिलकुल सही नहीं है। 50% मामलों में भ्रूण के गुणसूत्रों में समस्या भ्रूण के विकास में विपदा खड़ी कर सकती है, जिससे आगे बढ़कर गर्भपात का खतरा बढ़ता है। गर्भपात के बाद महिला को समझाना जरूरी है कि यह एक प्रक्रिया है और इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।”

Smoking Drinking

गर्भपात के बाद सही होने में कितना समय लगता है? (Recovering from a miscarriage in Hindi)

मिसकैरेज के बाद, महिला के शरीर का पुनर्निर्माण करना उसे गर्भपात के हुए महीनों की संख्या पर निर्भर करता है। आमतौर पर, गर्भपात के बाद, महिला को मासिक धर्म की तरह रक्तस्राव, स्तनों में दर्द और बेचैनी, और पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द का सामना करना पड़ता है।

हालांकि, गर्भधारण करने वाले हार्मोन गर्भपात के बाद कुछ महीनों तक रक्त में बने रह सकते हैं, लेकिन आमतौर पर, तीन से छह हफ्तों के भीतर, आप पूरी तरह से स्वस्थ हो सकती हैं। इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप खुद को शारीरिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह से ठीक होने के लिए समय दें।

आइये जानते है इन्ही बातो को विस्तार से-

मिसकैरेज के बाद पीरियड पीरियड क्यों आता हैं?

रक्तस्राव(Bleeding):

गर्भपात के बाद, महिला को मासिक धर्म की तरह रक्तस्राव होता है। यह रक्तस्राव अक्सर अधिक होता है, क्योंकि परियड्स के न आना गर्भवती होना समझाता है, लेकिन कभी-कभी स्थिति यह हो जाती है कि आपका अचानक से मिसकैरेज हो जाए या गर्भपात हो जाए, जिसके कारण भ्रूण को कई बार या तो निकालना पड़ता है या फिर दवाओं के जरिए हटाना पड़ता है, जिससे योनि से अधिक रक्त बहने लगता है|

Bleeding

2. स्तनों में दर्द और बेचैनी

स्तनों में दर्द और बेचैनी गर्भपात के परिणामस्वरूप हो सकती हैं। इस प्रकार की शारीरिक अनुभूतियाँ आमतौर पर हार्मोनल परिवर्तनों और गर्भवती रहने वाले हार्मोनों के असमान्य बदलावों के कारण हो सकती हैं। स्तनों में यह दर्द और बेचैनी उपयुक्त हार्मोनों के संतुलन की कमी के कारण हो सकती हैं, जो गर्भपात के परिणामस्वरूप होती हैं। यह असुविधा या बेचैनी का अहसास कराती है और महिला को शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर प्रभावित कर सकती है।

Pain in Breast

3. पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द

गर्भपात के बाद पेट के निचले हिस्से में होने वाला यह तेज दर्द आमतौर पर गर्भपात के प्रारंभिक चरणों में होता है और इसमें कुछ महिलाएं इसे मासिक धर्म के तुरंत बाद अनुभव कर सकती हैं। यह दर्द गर्भाशय और गर्भाशय मुंह (Cervix) के उत्तरी हिस्से की संवेदनशीलता के कारण हो सकता है, जिसे भ्रूण का निकास होता है।

यह समय के साथ बदल सकता है और इसमें एक तेजी से बढ़ती गति भी हो सकती है, जिससे महिला को बहुत तकलीफ हो सकती है। इसलिए, गर्भपात के बाद, महिला को अगर इस तेज दर्द का सामना करना पड़ता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि सही दिशा में उपचार किया जा सके।

गर्भपात के बाद सही होने में समय महिला के शारीरिक स्वास्थ्य, गर्भपात के तरीक़े, और इसके बाद की देखभाल की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। आमतौर पर, यह लगभग तीन से छह हफ्तों का समय लेता है ताकि शरीर पूरी तरह से ठीक हो सके। हालांकि, कुछ महिलाएं इस समय सीमा को पार कर सकती हैं और उन्हें अधिक समय लग सकता है। इसलिए, यह सब व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितिऔर डॉक्टर की सलाह और मार्गदर्शन पर निर्भर करता है।

Pain in lower stomach

मिसकैरेज के बाद दोबारा प्रेगनेंट होने के लिए क्या करें ? (what to do for Getting pregnant again in Hindi)

मिसकैरेज के बाद फिर से प्रेगनेंट होना एक बहुत भावनात्मक और चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, लेकिन सही देखभाल और तरीकों के साथ इस मुश्किल समय को पार किया जा सकता है। सबसे पहले महत्वपूर्ण बातआपको यह समझना होगा कि अपने शरीर और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
अगरआप तैयार हैं फिर से मातृत्व की यात्रा पर जाने के लिए, तो डॉक्टर से मिलें और अपनी स्थिति को साझा करें। वे आपको आपके स्वास्थ्य और मेडिकल इतिहास के आधार पर सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
अगर आप दोबारा प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो आपको सही और पूरी मात्रा काआहार लेना बहुत महत्वपूर्ण है, और आपको योग और एक्सरसाइज के लिए भी सकारात्मक रूप से सोचना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी समर्थन लेना महत्वपूर्ण है, और आप अपने पारिवार और दोस्तों से सलाह प्राप्त कर सकती हैं।
जब आप इस मार्गदर्शन का पालन करती हैं, तो आप दोबारा माँ बनने के लिए तैयार हो सकती हैं।यही वह समय समय हैं जो आपके लिए आवश्यक सहारा, देखभाल और प्रेम भरा हो, जिससे आप अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कास्वागत फिर से कर सकती हैं।

गर्भपात (मिसकैरिज) से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

– Miscarriage related FAQs

मिसकैरेज के बाद प्रेगनेंसी कब होती है?( When does pregnancy occur after miscarriage?)

‘एक बार एबॉर्शन या मिसकैरिज होने के बाद, बॉडी को पूरी तरह से रिकवर होने के लिए थोड़ा समय देना जरूरी होता है। मिसकैरिज के बाद कंसीव करने के लिए कम से कम दो से तीन महीने का समय देना बेहतर रहेगा। शरीर को पहले जैसी अवस्था में लाने के लिए पौष्टिक आहार के साथ ही मानसिक रूप से तैयार होना भी बहुत जरूरी होता है।

गर्भपात के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?( How many days after abortion should one have sex?)

गर्भपात के बाद, जब आप स्वयं को तैयार महसूस करें, तो आप सेक्सुअल एक्टिविटी पर वापस जा सकती हैं। कुछ मेडिकल प्रोवाइडर्स आपको सुझा सकते हैं कि आप सेक्सुअल एक्टिविटी को फिर से शुरू करने के लिए (या अपनी योनि में कुछ भी डालने के लिए) कुछ समय इंतजार करें, क्योंकि संक्रमण का बहुत ही छोटा खतरा हो सकता है; हालांकि, नए अध्ययन इसे चिकित्सा रूप से आवश्यक नहीं मानते हैं – इसलिए यह आखिरकार आपका निर्णय है कि आप कब सेक्स के लिए तैयार महसूस करती हैं – यहां तक कि शारीरिक और मानसिक दोनों।

गर्भपात के बाद जब आप सेक्सुअल गतिविधियों के साथ फिर से जुड़ती हैं, यह समय और शैली पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। अपने doctor की सलाह को सुनें, अपने मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत आनंद को प्राथमिकता दें, और उससे भी अधिक, अपने आप पर पर विश्वास करें।

बार बार मिसकैरेज क्यों होता है? Why does miscarriage happen again and again?)

“मिसकैरेज” एक स्त्री के गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक ऐसी दुखद घटना है जिसमे स्त्री को कई बार पता भी नहीं चलता और उसका गर्भपात हो जाता है।अगर आकड़ो की माने तो 100 फीसदी महिलाओ में से 2 या 3 महिलायें ऐसी होती हैं जिनका बार-बार गर्भपात हो जाता है, अगर इसके पीछे कारण पता करना है तो उन्हें चिकित्सक या डॉक्टर्स के परामर्श लेना चाहिए क्यों कि इस दौरान वह कई टेस्ट भी करवाते है, जिससे पता लगाया जा सके की ऐसा बार-बार क्यों हो रहा हैं जैसे- अनुवांशिक कारण, फाइब्रॉएड की असमानता, गर्भाशय में असमानता ,ब्लडकॉटिंग से जुडी समस्याएँ , इन्फेक्शन, इम्युनिटी का कमजोर होना आदि कई कारण हो सकते हैं।

मिसकैरेज के बाद क्या खाना चाहिए?( What to eat after miscarriage?)

गर्भपात होने के बाद सही आहार बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे महिला शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सके। यहाँ हम जानेंगे कि गर्भपात होने के बाद महिलाओं को कौन-कौन से आहार खाना चाहिए और कौन-कौन से आहार बचना चाहिए

मिसकैरेज के बाद खाना चाहिए

  1. प्रोटीन से भरपूर आहार: मांस, मूंगफली, दही, पनीर, और दालें जैसे प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।
  2. हरी पत्तियां और सब्जियां: फॉलेटिक एसिड और विटामिनों से भरपूर हरी पत्तियां और सब्जियां खाएं, जैसे कि पालक, मेथी, गाजर, टमाटर, और बैंगन।
  3. फल: सेब, केला, नारंगी, अनार, और अमरूद जैसे फलों का सेवन करें।
  4. दूध और दूध से बने उत्पाद: कैल्शियम के लिए दूध, दही, और पनीर का सेवन करें।
  5. हल्दी और गुड़: हल्दी और गुड़ में अनेक स्वास्थ्य लाभ होते हैं, इसलिए इन्हें अपने आहार में शामिल करें।

मिसकैरेज के बाद नहीं खाना चाहिए

  1. तेज मसाले और तले हुए चीजें: तेज मसाले और तले हुए चीजों से बचें, क्योंकि ये पाचन में कठिनाई पैदा कर सकते हैं।
  2. कॉफ़ी और चाय: अधिक मात्रा में कॉफ़ी और चाय से बचें, क्योंकि ये कैल्शियम को बाधित कर सकते हैं।
  3. अधिक शर्करा युक्त खाद्य: अधिक शर्करा युक्त खाद्य से बचें, क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है और डायबीटीज का खतरा हो सकता है।
  4. भारी वसा वाला खाद्य: तला हुआ और अधिक वसा से भरपूर खाना खाने से बचे ।

मिसकैरेज के बाद क्या करना चाहिए?( What should be done after miscarriage?)

मिसकैरेज के बाद सेक्स करना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन दोबारा गर्भधारण के लिए कम से कम दो हफ्ते का इंतजार करना उचित है। मिसकैरेज के बाद महिलायें दो महीने के बाद ओवुलेशन (अंडानुरूपण) कर सकती हैं, लेकिन सामान्यत: नॉर्मल साइकिल का स्थान लेने में दो महीने तक का समय लग सकता है।

इसलिए, मिसकैरेज के बाद, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यूट्राइन लाइनिंग (गर्भाशय की ऊतक की सत्रजितता) और प्रेग्नेंसी हार्मोन hCG की स्तिथि में सुधार हो रहा है। आप ब्लड टेस्ट के माध्यम से यह जांच सकती हैं कि hCG हार्मोन नॉर्मल हुआ है या नहीं।

जब महसूस होता है कि गर्भपात में कुछ असफलता हो रही है, यह स्वयं में एक अलग ही दर्द और दुख का अहसास होता है। इस परिस्थिति में, जब हर इच्छा और प्रत्याशा एक नए जीवन की ओर मुड़ रही है, एक आदमी या स्त्री को आत्मसमर्पण और सहानुभूति की आवश्यकता होती है।

गर्भपात के बाद, जब आपमें उन छोटे से जीवन के सपने का अस्तित्व बिगड़ जाता है, तो यह दुखभरा और भावनात्मक समय होता है। मानव जीवन की इस खोई हुई स्वीकृति का आंसू छलक जाता है, और वहां एक रूँधे हुए ह्रदय का आभास होता है।

इस मुश्किल वक्त में, आपको समर्थन और समझ की जरुरत है, चाहे वह परिवार का हो या दोस्तों का। यह समय है जब एक दूसरे के साथ शोक और दुख को साझा करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक-दूसरे का साथ होना एक अधिकारी भावना सृष्टि करता है।

Care

जैसा कि हम सभी जानते हैं , माँ शब्द अपने आप में बहुत ही ममता से भरा हुआ शब्द हैं जब किसी महिला को पहली बार ये पता लगता है कि वो माँ बनने वाली है तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता इस दौरान दोनों पति और पत्नी अपने आने वाले बच्चे के लिए ढेरो तैयारियाँ करते है और बेसब्री से उसके आने का इंतज़ार करते है पर किसी कारण से उसका “मिसकैरेज” (गर्भपात) हो जाए तो वह अपने आप को दोषी समझने लगती है जो बिल्कुल भी सही बात नहीं है ऐसी स्थिति में परिवार जानो के साथ-साथ उसके पति का भी भरपूर सहयोग मिलना चाहिए ताकि वह इस मिसकैरेज या गर्भपात जैसी गंभीर बीमारी से बाहर निकल सके।

तो यह थीं गर्भपात से जुड़ी ऐसी महत्वपूर्ण बातें जो आपको पता होनी चाहिए, हम पेरेंटिंग से संबंधित इसी प्रकार की और जानकारियाँ आप तक पहुंचाते रहेंगे। अगर आपके पास कोई अन्य सुझाव और टिपण्णी हैं तो कृपया हमसे जरूर शेयर करें।

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  •  https://www.tv9hindi.com/health/pregnancy-and-child-care/why-does-miscarriage-happen-understand-these-5-big-reasons-and-take-precautions-788919.htm
  •  https://www.healthunbox.com/miscarriage-causes-symptoms-in-hindi/
  •  https://www.myupchar.com/pregnancy/miscarriage-in-hindi/recurrent-miscarriag
  •  https://www.hindiram.com/apurn-garbhpaat-ke-lakshan-or-upchar.html

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