अधूरा गर्भपात (Incomplete Abortion) क्या है? अधूरे गर्भपात के प्रमुख लक्षण और उपचार क्या हैं ?

Harshita

Updated on:

Synopsis: अधूरा गर्भपात क्या है ? अधूरे गर्भपात के लक्षण ( Symptoms of incomplete abortion), अधूरे गर्भपात के उपचार (Treatment of incomplete abortion) अधूरे गर्भपात के टेस्ट

अधूरा गर्भपात एक सामान्य मानसिक और शारीरिक रूप से कठिन प्रक्रिया है जिसमें गर्भ निकालने की पूरी प्रक्रिया समाप्त नहीं होती। अपूर्ण गर्भपात पहले 20 हफ्तों के भीतर गर्भधारण के उत्पादों का आंशिक नुकसान है। इसके लक्षण में खून की अधिक रिसाव, दर्द और मासिक धर्म के असामान्य बहाव शामिल होते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए इसका शीघ्र निदान करना महत्वपूर्ण है कि रोगी गर्भधारण के सभी उत्पादों को बाहर निकाल दे। उपचार में डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं और किसी किसी स्थितियों में कुछ चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। अधूरे गर्भपात के टेस्ट में सोनोग्राफी, परीक्षण और रक्त परीक्षण शामिल होते हैं।

अधूरा गर्भपात क्या हैं?

( What is incomplete abortion in hindi?)

गर्भपात के बाद जब भ्रूण के कुछ अंश गर्भाशय में रह जाते हैं, तो इस स्थिति को अपूर्ण गर्भपात या अधूरा गर्भपात कहा जाता है। अपूर्ण गर्भपात मध्यम से गंभीर योनि रक्तस्राव के साथ होता है, जो पेट के निचले हिस्से और/या पैल्विक दर्द से जुड़ा हो सकता है। अधूरा गर्भपात के मामले ज्यादातर स्वतंत्र गर्भपात (अनचाहा गर्भपात) के अंदर होते हैं, हालांकि एबॉर्शन पिल्स का उपयोग करना भी अधूरे गर्भपात का कारण बन सकता है।

अधूरे गर्भपात के ऐसे कई लक्षण है, जिन्हें नजर अंदाज़ नहीं किया जा सकता चलिए जानते हैं, अधूरे गर्भपात के लक्षणों के विषय में:-

1-in-5-pregnancies-end-in-miscarriage

अधूरे गर्भपात के लक्षण 

(Symptoms of incomplete abortion)

 

अक्सर, जब गर्भपात का इलाज किया जाता है, तो गर्भस्थान से बचा हुआ भाग कुछ समय तक अधूरा रह सकता है, लेकिन कई बार इसमें समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे गर्भपात पूर्ण नहीं हो पाता है। हालांकि, ट्रीटमेंट के बाद भी कुछ समय बाद शरीर स्वतंत्र रूप से इसे पूर्ण कर सकता है।

अधूरे गर्भपात होने पर निम्नलिखित लक्षण आ सकते हैं…

  1. विशेष रूप से भारी रक्त स्राव
  2. रक्त की थक्के हो जाना
  3. पेट में दर्द और ऐठन
  4. लंबे समय तक बुखार
  5. रक्त स्राव का स्थाई रूप से बना रहना
  6. पीठ में दर्द और जकड़न
  1. गर्भावस्था के लक्षणों में कमी होना

गर्भपात के दौरान और उसके बाद खून बहना और क्रैपिंग होना सामान्य है, और सभी गर्भवतियां इस स्थिति में कई तरह के कष्टों का सामना करती हैं, लेकिन अपूर्ण गर्भपात के स्थिति में दिखने वाले लक्षण ऊपर बताए गए हैं।

अपूर्ण गर्भपात में, खून बहने और संक्रमण का खतरा होता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके इलाज करना उपयुक्त है।

Reasons-of-Miscarriage

आइए जानते हैं,अधूरे गर्भपात को रोकने के लिए किन उपचारों का सहारा लिया जा सकता है

अधूरे गर्भपात के उपचार

 

(Treatment of incomplete abortion)

गर्भपात अधूरा होने पर, उसके इलाज के लिए तीन विकल्प हो सकते हैं…

  1. इंतजार करन

    : प्राकृतिक रूप से गर्भाशय से गर्भवती उत्पन्नता को प्रकट होने का इंतजार करना

  2. मेडिसिन लेना (मेडिकल केयर के साथ)

    :औषधियों का सेवन करन

  3. सर्जरी से प्रेगनेंसी अवशेषों को बाहर निकालना

    शल्यचिकित्सा के माध्यम से गर्भाशय से अवशेषों को हटाना

हालांकि, यह आपकी स्थिति पर निर्भर करता है कि कौन सा मेथड आपके लिए उपयुक्त होगा। आपके डॉक्टर आपको सही मार्गदर्शन देंगे, लेकिन इससे पहले कुछ जाँचों को कराना भी आवश्यक है…

इन जाँचों के माध्यम से गर्भपात के कारण ” reason of miscarriage” को पहचाना जाता है (reason of miscarriage in hindi), गर्भपात के बाद एचसीजी का स्तर जाँचा जाता है (HCg level), और इसके बाद ही अपूर्ण गर्भपात का उपचार किया जाता है।

असफल गर्भपात में कुछ टेस्ट कराए जाने की आवश्यकता हो सकती है – गर्भपात अधूरा होने पर क्या करें?

यहाँ हम कुछ ऐसे टेस्ट के विषय में आपको जानकारी दे  रहे हैं, जिन्हे अधूरे गर्भपात क दौरान किया जाता हैं – जैसे कि

फीटल हार्ट स्कैनिंग

Fetal Heart Scanning

फीटल हार्ट स्कैनिंग, जिसे अंग्रेजी में “fetal heart scanning” कहा जाता है, एक प्रक्रिया है जिसमें गर्भावस्था के दौरान शिशु के हृदय की स्थिति का जाँच की जाती है। इसमें शिशु के हृदय की धड़कनों को स्कैन करके उसकी स्वस्थता और विकास का मूल्यांकन किया जाता है।

पेल्विस परीक्षण

– Pelvice exam

 

पेल्विस एग्जाम, जिसे हिंदी में “पेल्विक्स परीक्षण” कहा जाता है, एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं की प्रजनन नली और प्रजननांग क्षेत्र की जाँच की जाती है। इस परीक्षण में डॉक्टर महिला की गर्भाशय, बच्चेदानी, और आसपास के क्षेत्र की स्वस्थता का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं।

अल्ट्रासाउंड

 

– Ultrasound test

अल्ट्रासाउंड, जिसे हिंदी में “अल्ट्रासाउंड परीक्षण” कहा जाता है, एक चिकित्सा परीक्षण है जिसमें श्रवण तरंगों का उपयोग करके शरीर के अंदर की छवियों को प्राप्त करने के लिए साधनों का उपयोग किया जाता है। यह परीक्षण विभिन्न रोगों की जाँच, गर्भावस्था के दौरान शिशु की स्थिति का मूल्यांकन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी प्रदान करने में मदद करता है।

क्वांटीटेटिव एचसीजी ब्लड टेस्ट

(HCg test) – एचसीजी का स्तर गर्भपात 

 

एचसीजी टेस्ट, जिसे हिंदी में “एचसीजी परीक्षण” कहा जाता है, एक ब्लड टेस्ट है जो गर्भावस्था के दौरान बनने वाले होर्मोन एचसीजी (Human Chorionic Gonadotropin) का स्तर मापता है। यह टेस्ट गर्भपात की जाँच, गर्भावस्था की पुष्टि, और शिशु के स्वस्थ विकास का मूल्यांकन करने में मदद करता है।

गर्भपात के बाद पीरियड

 

(Period after abortion)

 

गर्भपात के बाद, मासिक धर्म का आरंभ होने में लगभग 1 महीने का समय लग सकता है। इस प्रक्रिया का समय कुछ परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि आपका अगला पीरियड कब आएगा…

  1. समय: आपका पीरियड 4 से 6 सप्ताह के बाद, गर्भपात के पश्चात शुरू हो सकता है। हालांकि, यह इस पर भी निर्भर करता है कि आपने गर्भधारण कितने समय तक किया था क्योंकि प्रेगनेंसी हार्मोन अभी भी आपके शरीर में हो सकते हैं।
  2. द्यूरेशन: गर्भपात के बाद, पहला पीरियड सामान्यत: छोटा हो सकता है, विशेषकर यदि आपने सर्जिकल अबॉर्शन करवाया हो तो, और यदि मेडिकल अबॉर्शन हुआ हो तो यह समय लेता है।

यदि 8 सप्ताह के बाद भी पीरियड शुरू नहीं होता है, तो प्रेगनेंसी टेस्ट कराएं और डॉक्टर से परामर्श करें।

अधूरे गर्भपात के उपचार

अधूरे गर्भपात का इलाज करने के लिए किन उपचारों को अपनाया जाता है? (Treatments for incomplete abortion in hindi)

विस्तार से जानें-

अधूरे गर्भपात का इलाज करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जा सकता है, जो सभी रूप से प्रभावी हो सकते हैं। यहां कुछ ऐसे तरीके हैं: जिन्हें आप अपना सकते हैं।

  1. इंतजार करना: अधूरे गर्भपात पूरा होने का समय नजर रखना, हालांकि यह थोड़ा अस्वाभाविक लग सकता है, लेकिन कुछ समय बाद गर्भपात स्वतंत्र रूप से पूरा हो सकता है।
  2. सर्जरी (D&C): अधूरे गर्भपात के कुछ मामलों में, सर्जिकल प्रक्रिया जिसे डिलीटेशन और क्यूरेटेज (D&C) कहा जाता है, की जा सकती है। यह तकनीक अत्यधिक रक्त स्राव की स्थिति में कारगर हो सकती है।
  3. ब्लड ट्रांसफ्यूजन: D&C के बाद, यदि ब्लीडिंग बनी रहे, तो ब्लड ट्रांसफ्यूजन का उपयोग किया जा सकता है।

ध्यान दें कि इन तकनीकों का उपयोग केवल चिकित्सक की सलाह पर ही किया जाना चाहिए, और प्रत्येक मामले का स्वभाव भिन्न हो सकता है।

D&C

आपने नाम तो कई बार सुना होगा पर अगर हम इसके बारे में डिटेल में बात करें तो,आपको बता दे कि अधूरे गर्भपात को रोकने  के लिए किया जाने वाला यह इलाज चिकित्सक या डॉक्टर के सजेशन पर किया जाता हैं परंतु इस इलाज के बाद कुछ ख़तरे भी हो सकते है जिन्हे आपको ध्यान में रखना चाहिए जैसे कि-

  1. सर्वाइकल डैमेज का खतरा: यहां सर्विक्स (गर्भाशय की गली) को नुकसान होने का खतरा हो सकता है।
  2. इंफेक्शन: सर्जरी के दौरान या बाद में इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
  3. ब्लीडिंग: रक्तस्राव का अधिक होने का खतरा हो सकता है।
  4. गर्भाशय में छेद: सर्जरी के दौरान गर्भाशय में छेद होने का खतरा हो सकता है।
  5. गर्भाशय में निशान पड़ना: सर्जरी के बाद गर्भाशय पर निशान पड़ने का खतरा हो सकता है।
  6. कॉम्प्लिकेशन ऑफ एनेस्थीसिया: बेहतरीन नहीं होने की स्थिति में एनेस्थेशिया से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

हालांकि, डाइलेशन एंड क्यूरेटेज (Dilation & Curettage) एक सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन जैसा कि किसी भी सर्जरी में होता है, इसमें भी कुछ रिस्क शामिल हो सकते हैं। D&C सर्जरी प्रक्रिया से पहले एनेस्थेसिया आपको दिया जाता है।

जिन महिलाओं को D&C सर्जरी के बाद भी ब्लीडिंग, डिस्चार्ज के साथ बदबू, और पेट में दर्द अथवा ऐठन होती है, उन्हें अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

चिकित्सा समाधान

असफल गर्भपात का मेडिकल उपचार – मीसोप्रोस्टल (साइटोटेक), जिसे child abortion में भी इस्तेमाल किया जाता है।

मीसोप्रोस्टल, मौखिक या योनि मार्ग में इस्तेमाल होता है, जिससे गर्भाशय में संकुचन होता है और प्रेगनेंसी अवशेष बाहर आ जाती है।

मीसोप्रोस्टल (साइटोटेक) को पहले अल्सर के इलाज में प्रयोग किया जाता था, लेकिन अब इसे अधूरे गर्भपात के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।

मीसोप्रोस्टल (साइटोटेक) के साइड इफेक्ट्स:

  • पेट दर्द
  • चक्कर आना
  • उल्टियाँ
  • डायरिया

मिसकैरेज के संकेत

(Miscarriage Signs): महिलाओं में मिसकैरेज होने के 5 प्रमुख तरीके से हो सकते हैं।

 

महिलाओं में मिसकैरेज पाँच प्रमुख तरीकों से हो सकता है, जिन्हें निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया जा सकता है:

1.क्रिओप्रेसर्वेशन (क्रोमोसोमल विकृतियाँ): यह मिसकैरेज का सबसे सामान्य कारण है, जिसमें शिशु के गर्भनाल में क्रोमोसोम में विकृतियाँ होती हैं, जिससे गर्भपात हो सकता है।

2.एंटिबॉडी सिंड्रोम: इसमें महिला का शरीर उसके खिलाफ शिशु के खिलाफ अंतिबॉडी बना लेता है, जिससे गर्भपात हो सकता है।

3.योनि या गर्भाशय समस्याएँ: योनि या गर्भाशय में किसी भी प्रकार की समस्या भी मिसकैरेज का कारण बन सकती है।

4.हार्मोनल असंतुलन: महिला के शरीर में हार्मोनों का सही संतुलन नहीं होने से भी मिसकैरेज हो सकता है।

5.वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण: कई बार इन्फेक्शन भी गर्भाधान को प्रभावित कर सकते हैं और मिसकैरेज का कारण बन सकते हैं।

Miscarriage-Signs

इन प्रमुख कारणों के अलावा भी कई अन्य कारण हो सकते हैं, और इनमें से कुछ बार एक से अधिक कारण एक साथ मिल सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि मिसकैरेज के संबंधित समस्याओं का सही तरीके से निदान और उपचार हो, जिसके लिए चिकित्सक से सही सलाह और जांच करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अगर गर्भपात अधूरा हो जाए, तो निम्नलिखित कदम उठाएं

गर्भपात के बाद, आपको अपने आत्म-स्वास्थ्य की देखभाल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस संघर्षपूर्ण समय में, यहां कुछ केयर टिप्स हैं जो आपको इससे उभरने में सहायक हो सकती हैं।

  1. आत्म-प्रेम और ध्यान: आपको अपने आत्म-प्रेम का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। आपको अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए समय देना चाहिए और अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए मेडिटेशन करना चाहिए।
  2. पोषणपूर्ण आहार: गर्भपात के बाद, आपको पोषणपूर्ण आहार लेना चाहिए क्यों कि आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जो शीघ्र पुनर्निर्माण में मदद कर सकती हैं।
  3. सहानुभूति और समर्थन: इस समय में, आपको परिवार और दोस्तों से सहानुभूति और समर्थन की आवश्यकता होती है। उन्हें आपकी भावनाओं का समझना और शेयर करना महत्वपूर्ण है।
  4. साकारात्मक गतिविधियाँ: सकारात्मक गतिविधियों में शामिल होना आपको मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। योग, मेडिटेशन, या कोई भी आपको प्रिय गतिविधि में आपको समय बिताना चाहिए।
  5. चिकित्सक से परामर्श: आपको इस समय में अपने चिकित्सक से मार्गदर्शन लेना चाहिए। वे आपको शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

इस कठिन समय में, आपको अपनों का सहारा और समर्थन लेना चाहिए जिससे आपका आत्मीय दुःख ,परेशानियाँ कम हो सके और अपनी शक्ति को पुनः प्राप्त कर सके।

तो यह थीं ,अधूरे गर्भपात (Incomplete Abortion)से जुड़ी ऐसी महत्वपूर्ण बातें जो आपको पता होनी चाहिए, हम पेरेंटिंग से संबंधित इसी प्रकार की और जानकारियाँ आप तक पहुंचाते रहेंगे। अगर आपके पास कोई अन्य सुझाव और टिपण्णी हैं तो कृपया हमसे जरूर साझा करें। हम आपके साथ हैं और आपके सारे सवालों के जवाब आप तक लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

Reference links
https://www.hindiram.com/apurn-garbhpaat-ke-lakshan-or-upchar.html
https://www.thehealthsite.com/hindi/pregnancy/there-are-5-types-of-miscarriage-in-women-know-their-symptoms-in-hindi-834000

Leave a comment