फाइब्रॉइडस क्या हैं फाइब्रॉइडस क्यों होते हैं?

Harshita

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Synopsis: फाइब्रॉइडस (Uterine Fibroids) क्या हैं? क्यों होते हैं? जानिए फाइब्रॉइडस के कारण, लक्षण, प्रकार, टेस्टऔर उपचार

फाइब्रॉइडस क्या हैं? फाइब्रॉइडस गर्भाशय के अंदर पाए जाते है, सामान्य बोल चाल की भाषा में या हिंदी में आप इसे गांठ के रूप में समझ सकते है। जो की गर्भाशय (Uterus) की सतहों पर पाई जाती हैं और यह गांठे एक छोटे तिल के आकर से लेकर बड़े दाने बराबर हो  सकती है जिन्हें “फाइब्रॉइडस” कहा जाता है।

Uterine Fibroid 1

  • फाइब्रॉइडस क्यों होते है?
  • फाइब्रॉइड्स(Uterine Fibroids) के कारण
  • फाइब्रॉइड(Uterine Fibroids) होने के लक्षण
  • फाइब्रॉइड्स या (यूटरीन फाइब्रॉएड) के प्रकार
  • फाइब्रॉइड परीक्षण
  • आपके सवाल जवाब

फाइब्रॉइडस क्यों होते है?

आख्रिर फाइब्रॉइडस हो क्यों जाते है और इसके पीछे क्या ऐसा कारण है जो महिलाओं के लिए इतना गभींर और सोचने को मज़बूर कर देने वाला विषय हैं | वैसे तो डरने वाली कोई बात नहीं है क्यों कि ये फाइब्रॉइडस “गैर-कैंसरीय” होते है, जो की गर्भाशय के अंदर मांसपेशियों (Muscles) में होने वाले रूपरेखात्मक बदलाव (मोरफोलॉजिक्ल) के कारण होते हैं जिन्हे ट्यूमर या गांठ कहते है और संक्षिप्त में इन्हें फाइब्रॉइडस कहा जाता है और इसका सामना किसी भी महिला को प्रेगनेंसी या बेबी प्लान करने के दौरान पड़ सकता है।

यह फाइब्रॉइडस अक्सर 30 साल से अधिक उम्र की महिलाओ में देखने को मिलते हैं पर आज कल के अनियमित लाइफ स्टाईल के चलते यह 25 से 30 उम्र की महिलाओं में भी देखने को मिल जाते हैं

Fibriod

आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण, प्रकार, टेस्ट्स और सावधानियों के बारे में

फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids) के कारण- (Uterine Fibroids ke karan in hindi / Causes of Uterine Fibroids)

फाइब्रॉइड्स होने के विभिन्न  कारण हो सकते है चलिए जानते है इनके विषय में विस्तार से …

बढ़ती हुई आयु : जैसे-जैसे महिलाओ की उम्र बढ़ती जाती है फाइब्रॉइड्स बनने की संभावना भी बढ़ती जाती हैं| अधिकतर मोटे शरीर वाली महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती हैं ।

हॉर्मोनल परिवर्तन : उम्र बढ़ने के दौरान कई हार्मोनल चेंजेस भी शरीर में होते है जिसकी वजह से बॉडी कुछ विशेष प्रकार के हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन उत्पन्न करती है इन्हीं हार्मोन्स के परिवर्तन के कारण और असंतुलन से फाइब्रॉइडस बनना शुरू हो जाते  है।

Symptoms of Uterine Fibroids

जीनेटिक कारण

अगर परिवार में पहले से ही किसी को फाइब्रॉइड्स की समस्या हो तो यह अनुवांशिक वारिस्ता फाइब्रॉइड्स के बढ़ने का कारण बन सकती है।

हृदय से संबंधित रोग

रिसर्च के अनुसार यह देखा गया है कि जिन महिलाओ को ह्दय संबंधी बीमारियाँ या रिस्क होती है, उनमें फाइब्रॉइड्स उत्पन्न होने की संभावना बड़ जाती हैं ।

आहार और व्यायाम

आहार और व्यायाम की अनियमितता के कारण यह समस्या और अधिक बढ़ जाती है अनियमित खान-पान और अपने शरीर का ख्याल न रखना ,रोजाना व्यायाम को अपनी जिंदगी में शामिल न करना यह सभी प्रमुख कारण है फाइब्रॉइड्स को जन्म देने के लिए ।

कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो हमें फाइब्रॉएड की समस्या में राहत दिलाने में योगदान दे सकते हैं

 अगर आप में से किसी भी महिला को इनमे से कोई भी संकेत नज़र आता हो तो तुरंत अपने डॉक्टर्स से परामर्श लेना चाहिए ताकि समय पर इसका इलाज़ हो सके।

फाइब्रॉइड होने के लक्षण –(Uterine Fibroids Fibroids ke lakshan in hindi / Symptoms of Uterine Fibroids)

फाइब्रॉइड महिलाओं में होने वाला एक सामान्य स्त्री रोग है, वैसे तो इसके कई सामान्य लक्षण है, जो महिलाओ को पता भी नहीं चल पाते और वह जाने अनजाने में इन्हें नज़र अंदाज़ करने लगती है पर यह समस्या गंभीर तब बन जाती है, जब ये सभी लक्षण जरुरत से ज्यादा तीव्र रूप ले लेते हैं ,जो गर्भाशय में उत्पन्न होने वाली एक छोटी सी गांठ की बनावट में होता है। जो फाइब्रॉइड कहलाता हैं।

फाइब्रॉइड के कुछ मुख्य लक्षण है जो निम्नलिखित हैं:

1. पेट में दर्द या दबाव का होना -फाइब्रॉइड अधिकतर गर्भाशय की सतहों या किनारों पर पाए जाते है इसके अनियमित बदलते आकर कई बार महिलाओ के लिए दुःख का कारण बन जाते है जिसकी वजह से पेट में दर्द या दबाव महसूस हो सकता है, जो कभी-कभी पेट की किनारे तक पहुंच सकता है।

2. मासिक धर्म में असमानता– मासिक धर्म में असमानता: महिलाओ में पीरियड्स का आना स्वाभाविक है जिसकी वजह से ही वह गर्भधारण कर पाती है, परंतु अगर गर्भाशय के अंदर ही प्रॉब्लम होने लग जाए और उनका मासिक धर्म बिगड़ने लगे याने कभी ज़रूरत से अधिक ब्लीडिंग और कभी बहुत ही कम ब्लीडिंग होने लगे तो आपको समझना होगा की यह समस्या कोई गंभीर समस्या तो नहीं ! इसके लिए आपको तुरंत अपने डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए |

3. पेट का बढ़ता आकार– अगर गर्भाशय के अंदर फाइब्रॉइड्स के आकर नॉर्मल आकर से कुछ हद तक बढ़े होते है, तो फाइब्रॉइड के कारण पेट का आकार धीरे- धीरे बढ़ सकता है, जिससे महिलाओं को लग सकता है कि वे गर्भवती हैं।

4. सेक्स से जुड़ी समस्याएं– सेक्स किसी भी पति पत्नी को जोड़ने का प्रमुख कारण हैं पर अगर सेक्स से दौरान किसी महिला को असहजता महसूस हो और अत्यधिक दर्द महसूस हो तो डॉक्टर्स से संपर्क ज़रूर करना चाहिए क्यों कि फाइब्रॉइड के कारण सेक्स के दौरान या बाद में दर्द या असहजता महसूस हो सकती है।

5. यूरिन(पेशाब) करने में समस्या- यूरिन(पेशाब) का आना किसी भी इंसान के लिए एक स्वाभाविक प्रक्रिया है परंतु अगर आपको बार-बार यूरिन के लिए जाना पड़ रहा हो तो आपको सचेत हो जाना चाहिए, क्यों कि यह समस्या बड़े फाइब्रॉइड के कारण भी हो सकती है,जैसे कि बार-बार पेशाब आने का महसूस होना और पेशाब करने में दर्द होना।

ये सभी प्रमुख लक्षण फाइब्रॉइड होने की पुष्टि करते है अगर आप में से किसी को भी इन सभी लक्षणों में से कोई भी लक्षण नज़र आता हो तो तुरंत अपने डॉक्टर्स या चिकित्सक के पास जाये और उनसे इसके निवारण के उपाए पूछे वह आपको इसके निवारण के लिए सही सलाह देंगे ।

फाइब्रॉइड्स या (यूटरीन फाइब्रॉएड) के प्रकार –(Types of uterine fibroids in hindi/Types of uterine fibroids)

जैसा की हमने अभी तक जाना फाइब्रॉइड्स गर्भाशय के भिन्न हिस्सों में उत्पन्न होने वाली गाठें होती हैं और अनियमित बढ़ने और घटने के आकर को लेकर इन्हें विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है।

गर्भाशय की एक गैर-कैंसरीय ग्रोथ होती है जिसे यूटरीन फाइब्रोइड कहा जाता है। जो अक्सर बच्चे के जन्म के वर्षों के दौरान दिखाई देती है। इसे लियोमायोमास या मायोमा भी कहा जाता है। यूटेरिन या गर्भाशय फाइब्रोइड गर्भाशय कैंसर के जोखिम से संबंधित नहीं है, और यह कभी भी कैंसर में विकसित नहीं होती है।

यूटरीन फाइब्रॉएड के प्रकार निम्नलिखित हैं-

यूटरीन फाइब्रॉएड मुख्यतः चार (4) प्रकार के होते है ।

Types of Uterine Fibroid 3

1.सबसेरोसल फाइब्रॉइड्स (Subserosal Fibroids)– इस प्रकार के फाइब्रॉइड्स मुख्यतः गर्भाशय की बाहरी सतह या किनारो पर होते हैं और अधिकतर पेट की ओर बढ़ते  हैं। ये गांठें महसूस तो होती हैं, लेकिन आमतौर पर गर्भाशय के भीतरी या आंतरिक हिस्सों में नहीं होतीं।

सबसेरोसल फाइब्रॉइड के विशिष्ट लक्षणों में पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग, गर्भाशय के बड़े आकार के कारण, और आस-पास के अंगों पर दबाव के लक्षण, जैसे बारा-बार पेशाब आना, कब्ज की शिकायत या मल त्यागने में परेशानी , शामिल हैं।

2.इंट्राम्योटल फाइब्रॉइड्स (Intramural Fibroids)– इस प्रकार के फाइब्रॉइड्स गर्भाशय की दीवार के भीतर याने अंदर होते हैं और यह गर्भाशय केअधिकांश हिस्से को धारित करते हैं। इन्हें आमतौर पर गर्भाशय के अंदर  माध्यम आकर  के रूप में देखा जा सकता हैं और वे महिलाओं के लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।

इसके लक्षणों में भारी मासिक रक्तस्राव, लंबे समय तक चलने वाले पीरियड्स, पीरियड्स के बीच में रक्तस्राव, दबाव संबंधित लक्षण, बांझपन और गर्भस्राव शामिल हैं।

3.सबम्योसल फाइब्रॉइड्स (Submucosal Fibroids)– ये फाइब्रॉइड्स गर्भाशय की अंदरूनी सतह के करीब होते हैं और नार्मल आकर के मुकाबले बड़े होते हैं। यह फाइब्रॉइड्स गर्भाशय के सबसे ऊपरी हिस्से याने (यूट्रस के अपर डोमिनल)हिस्से  में पाये जाते है और इनका सीधा प्रभाव गर्भाशय की अंदरूनी स्थिति पर हो सकता है।

सबम्यूकोस फाइब्रॉइड किसी भी गर्भवती महिला को दो तरह से प्रभावित कर सकता है। पहले यह गर्भवती होने में रुकावट पैदा कर सकता है और अगर गर्भ धारण होता भी  है तो इसके कारण गर्भपात होने की संभावना बड़ जाती है, जो एक सामान्य समस्या हो सकती है।

4.पेडुंक्युलेटेड फाइब्रॉइड– पेडुंक्युलेटेड फाइब्रॉइड को ऊपर के प्रकारों से अलग नहीं माना जाता है, लेकिन सबसेरल या सबम्यूकोसल फाइब्रॉइड से इसमें भिन्नता होती है। इन्हें यूटेरस की दीवारों के बाहर, बाहर (सबसेरोसल) या गर्भाशय के अंदर (सबम्यूकोसल) एक डंठल पर उगते हुए देखा जा सकता है।

पेडुंक्युलेटेड सबसेरोसल फाइब्रॉइड जब छोटे होते हैं तो इनके लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं। वहीं पेडुंक्युलेटेड सबम्यूकोसल फाइब्रॉइड के लक्षण तीव्र होते हैं और अधिकतर बांझपन का कारण बन सकते हैं।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि गंभीर स्थिति में, फाइब्रॉइड्स इतने बड़े हो सकते हैं कि वे रिब केज याने पसलियों तक पहुंच जाते हैं, जिससे पीड़ित महिला का वजन बढ़ने लगता है।इन प्रकारों के फाइब्रॉइड्स का सही अध्ययन और विशेष चिकित्सकीय सलाह से उपयुक्त इलाज तय किया जा सकता है।

फाइब्रॉइड परीक्षण – (Fibroid Diagnosis in hindi)

फाइब्रॉएड के बारे में पता करने के लिए कौन -कौन से टेस्ट कराना चाहिए ?

आइए जानते हैं –

फाइब्रॉइड्स के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर्स विभिन्न टेस्ट्स करा सकते  है।

जैसे कि:-

Uterine fibroid test 1

  • गांठ की जाँच (पेल्विक एचो)– गर्भाशय क्षेत्र में फाइब्रॉइड्स को देखने के लिए पेल्विक एचो (Pelvic Ultrasound) टेस्ट किया जा सकता है। इससे फाइब्रॉइड्स का स्थान, आकार, और संख्या का पता चलता है।
  • मैग्नेटिक रेजनेंस इमेजिंग (MRI) – MRI स्कैन गर्भाशय के क्षेत्र की विस्तृत छवियाँ प्रदान करता है, जिससे फाइब्रॉइड्स की स्थिति को और अच्छे से देखा जा सकता है।
  • कंप्यूटेड टॉमोग्राफी (CT) स्कैन– यह एक और तकनीकी तरीका है जो गर्भाशय क्षेत्र की त्वचा को देखने में मदद कर सकता है।
  • सोनोहिस्टेरोग्राफी- इस टेस्ट में गर्भाशय को विस्तार से दिखाने के लिए सोनोहिस्टेरोग्राफी टेस्ट किया जा सकता है। अब आप सोच रहे होंगे ये कैसा टेस्ट होता है ? तो हम आपको बता दें सोनोहिस्टेरोग्राफी एक चिकित्सा तकनीक है जिसमें गर्भाशय को विस्तार से देखने के लिए शब्द “सोनो” (ध्वनि) और “हिस्टेरोग्राफी” (गर्भाशय की चित्रण तकनीक) का संयोजन है। इस तकनीक का उपयोग गर्भाशय की स्वस्थता और संरचना की जांच के लिए किया जाता है।
  • हिस्टेरोस्कोपी – यह एक विशेष इंस्ट्रूमेंट के साथ किया जाता है, जिससे डॉक्टर गर्भाशय की अंदरूनी स्थिति को देख सकते है।

इन टेस्ट्स के माध्यम से डॉक्टर फाइब्रॉइड्स की स्थिति का सही और विशेष विवरण प्राप्त कर सकते  है, जिससे सही उपचार की योजना तैयार की जा सकती है।

यूटेरिन फाइब्रॉइड का उपचार- (Treatment of uterine fibroids)

यूटेरिन फाइब्रॉइड्स का इलाज(उपचार) महिला के स्वास्थ की स्थिति , फाइब्रॉइड्स के आकार और लक्षणों के आधार पर निर्भर करता है। अगर इसके उपचार के विषय में बात की जाये तो  कुछ ऐसे  सामान्य तरीके हैं जो डॉक्टर या चिकित्सक, यूटेरिन फाइब्रॉइड्स के इलाज के लिए सुझा सकते हैं:

जैसे –

दवाओं का उपयोग कर – यूटेरिन फाइब्रॉइड्स  के मामूली लक्षणों के लिए डॉक्टर अक्सर कुछ दवाओं के सुझाव आपको देते है जो फाइब्रॉइड्स  को कुछ हद तक कम करने में मदद देते है इसमें कई हॉर्मोनल दवाएं या अन्य दवाएं शामिल हो सकती हैं।

ऑपरेटिव इलाज-यदि फाइब्रॉइड्स के आकर नॉर्मल आकर से बड़े होते हो या लक्षण गंभीर हो, तो सर्जरी का सुझाव दिया जाता है। इसके अंतर्गत हिस्टेरेक्टोमी याने (गर्भाशय की पूरी निकासी) और माइोमेक्टोमी याने (फाइब्रॉइड्स की हटाई की जाती हैं) आदि शामिल हो सकते  हैं।

इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी – यह एक नई आधुनिक तकनीक है जिसमें रेडिओफ्रेक्वेंसी या लेजर इंटरवेंशन की सहायता से फाइब्रॉइड्स को नष्ट किया जाता है, बिना किसी सर्जरी के।

हॉर्मोनल उपचार– इस तकनीक में  फाइब्रॉइड्स के बढ़ते हुए विकास या ग्रोथ को कंट्रोल करने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स और अन्य हॉर्मोनल तकनीकों का सहारा लेकर उपचारकिया जाता है।

इन उपायों पर विचार करने से पहले, किसी भी महिला को अपनी स्वाथ्य स्थिति के आधार पर चिकित्सक से परामर्श ले लेना चाहिए। ताकि फाइब्रॉइड्स  के उचित इलाज  के लिए सही उपचार को चुना जा सके।

आपके सवाल जवाब (Fibroid FAQs)

1. फाइब्रॉएड का मुख्य कारण क्या है ? (What is the main cause of fibroids?)

फाइब्रॉएड होने  का मुख्य कारण हार्मोनल  चेंजेस  और आनुवंशिकी है, शरीर में उपस्थित  एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन वे हार्मोन हैं जो हर महीने आपके मासिक धर्म के दौरान आपके गर्भाशय की परत को मोटा बनाते हैं। जिससे फाइब्रॉएड के विकास पर भी प्रभाव पड़ने लड़ता लगता हैं और पेट बढ़ने का खतरा बड़ जाता हैं।

2. यदि फाइब्रॉएड का इलाज न किया जाए तो क्या होगा?( What happens if fibroids go untreated?)

यदि फाइब्रॉएड का इलाज न किया जाए तो अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव (ब्लीडिंग) की संभावना बड़ जाएगी और समय पर इसका  उपचार न किया जाने पर एनीमिया हो सकता है। वैसे तो  फाइब्रॉएड कैंसर से मुक्त होते हैं, लेकिन शायद ही कभी-कभी वे कैंसर के कारण बन सकते हैं। अगर समय पर इसका पता नहीं लगाया गया तो वह महिलाओं में बांझपन का कारण भी बन सकता  है।

3.क्या कोई महिला फाइब्रॉएड के साथ रह सकती है?(Can a woman live with fibroids?)

फाइब्रॉएड अक्सर सौम्य होते हैं, जो कैंसरयुक्त नहीं होते। जो महिलाएं इसमें लक्षण अनुभव करती हैं, उन्हें फाइब्रॉएड के साथ रहना कभी-कभी मुश्किल लग सकता है, जैसे कि दर्द और भारी मासिक धर्म रक्तस्राव।

4.मैं फाइब्रॉएड को प्राकृतिक तरीके से कैसे कम कर सकती हूँ?( How can I reduce fibroids naturally?)

हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया है कि सेब और टमाटर जैसे फलों और ब्रोकोली और पत्तागोभी जैसी रेशेदार सब्जियों का सेवन करने से फाइब्रॉएड के विकसित होने का खतरा कम हो सकता है। और, जैविक फल और सब्जियां तथा साबुत अनाज से बने आहार का सेवन करने से फाइब्रॉएड को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

5. मैं अपने फाइब्रॉएड की जांच को घर पर कैसे कर सकती हूँ?( How can I check my fibroids at home?)

कैसे पहचानें कि आपको फाइब्रॉएड है?( How to recognize if you have fibroids?)

  • आपके मासिक धर्म के बीच या उसके दौरान भारी और लंबे समय तक मासिक धर्म।
  • एनीमिया, जिससे थकान हो सकती है।
  • संभोग के दौरान दर्द।
  • जल्दी पेशाब आना।
  • कब्ज और/या सूजन।
  • आपके श्रोणि या पीठ के निचले हिस्से में दर्द।
  • मासिक धर्म में ऐंठन का बढ़ना।
  • पेट में सूजन।

6. क्या मैं फाइब्रॉएड के साथ गर्भवती हो सकती हूं ?(Can I get pregnant with fibroids?)

हाँ, कई फाइब्रॉएड वाली महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। लेकिन स्वस्थ गर्भावस्था की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए, आप अपने डॉक्टर के साथ अपनी प्रायोरिटी और माँ बनने की चर्चा कर सकती है। यदि फाइब्रॉएड आपके जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव डाल रहा है, तो एक स्त्री रोग विशेषज्ञ(Gynecologist) सर्जन उपचार विकल्पों पर चर्चा कर सकता है जो आपकी प्रजनन क्षमता को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

7. किस आकार के फाइब्रॉएड को सर्जरी की आवश्यकता है? (What size fibroids need surgery?)

जिन महिलाओं के फाइब्रॉएड का व्यास 3 सेमी से अधिक है, जिन्हें महत्वपूर्ण लक्षण, दर्द या दबाव होता है, और जो अपने गर्भाशय को बनाए रखना चाहती हैं दवा का उपयोग सिर्फ लक्षणों को सुधारने या सर्जरी से पहले फाइब्रॉएड को कम करने के लिए किया जा सकता है।

8. फाइब्रॉएड का कौन सा आकार सामान्य है ?( Which size of fibroid is normal?)

छोटा फाइब्रॉएड – लंबाई 1-5 सेमी से कम (मटर से छोटे चेरी के आकार का) मध्यम फाइब्रॉएड – 5 सेमी – 10 सेमी (आलूबुखारे से बड़े संतरे के आकार का) बड़ा फाइब्रॉएड – 10 सेमी या अधिक (एक अंगूर और उससे ऊपर के आकार का)

9. फाइब्रॉएड के लिए क्या नहीं खाना चाहिए ? (What not to eat for fibroids?)

  • अत्यधिक वसा युक्त भोजन ,प्रोसेस्ड मांस नहीं खाना चाहिए।
  • विभिन्न प्रकार की चीनी से बने खाद्य पदार्थ।
  • ऊपरी नमक।
  • अत्यधिक सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थ।
  • शर्करा और अन्य मिठे पेय।
  • एक्स्ट्रा कैलोरी नहीं लेना चाहिए।
  • लाल मांसहारी भोजन।

सबसे आखरी और सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न जो हर महिला के मन में आता है।

10. क्या आप उंगली से फाइब्रॉएड महसूस कर सकते हैं ?(Can you feel fibroids with finger?)

आपकी उंगली से फाइब्रॉएड को बाहरी रूप से महसूस करना संभवतः मुश्किल हो सकता है। हालांकि, आपका डॉक्टर पेल्विक परीक्षण के दौरान फाइब्रॉएड को महसूस कर सकता है। ध्यान रखें कि यह हमेशा संभव नहीं होता है, क्योंकि सभी फाइब्रॉएड गर्भाशय के सुलभ क्षेत्रों में स्थित नहीं होते हैं।

आशा है आपको इस आर्टिकल में फाइब्रॉएड से सम्बंधित लगभग सभी  जानकारियाँ प्राप्त हो चुकी होंगी।
अगर आपके पास कोई अन्य सुझाव और टिपण्णी हैं, तो कृपया हमसे जरूर साझा करें। हम आपके साथ हैं और आपके सारे सवालों के जवाब आप तक लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

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